तो कभी किसी की ख़ामोशी को आवाज़ भी देता हूँ l तो कभी किसी की ख़ामोशी को आवाज़ भी देता हूँ l
पैरों की शाखा टहनियों पर जैसे लटकते रहे हैं पैरों की शाखा टहनियों पर जैसे लटकते रहे हैं
भटकते थे सेहरा में कल तक मगर अब तेरे छोड़े हुए कुछ मकां मिल गये हैं भटकते थे सेहरा में कल तक मगर अब तेरे छोड़े हुए कुछ मकां मिल गये हैं
नहीं मिल सकेगी जीवन में कभी भी तुझको हार आज का काम आज कर कल पर कभी ना टाल नहीं मिल सकेगी जीवन में कभी भी तुझको हार आज का काम आज कर कल पर कभी ना टाल
भूख से व्याकुल बच्चे ने हाथ फैलाया, मेम साहब के सामने रोते हुए गिड़गिड़ाया भूख से व्याकुल बच्चे ने हाथ फैलाया, मेम साहब के सामने रोते हुए गिड़गिड़ाया
घृणा-द्वेष वन में विटप एकता के, कभी फूलते और फलते नहीं हैं घृणा-द्वेष वन में विटप एकता के, कभी फूलते और फलते नहीं हैं