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Rekha Shukla

Tragedy Inspirational

4  

Rekha Shukla

Tragedy Inspirational

बैठो

बैठो

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1

कभी साथ बैठो..

तो कहूँ कि दर्द क्या है...

   अब यूँ दूर से पूछोगे..

   तो ख़ैरियत ही कहेंगे...


2. 

सुख मेरा काँच सा था..

न जाने कितनों को चुभ गया.!


3. 

आईना आज फिर

रिश्वत लेता पकड़ा गया

   दिल में दर्द था और चेहरा

   हंसता हुआ पकड़ा गया...


 4.

 वक्त, एतबार और इज्जत,

 ऐसे परिंदे हैं..

   जो एक बार उड़ जायें

   तो वापस नहीं आते...


5.

 दुनिया तो एक ही है,

 फिर भी सबकी अलग है...


6.

 दरख्तों से रिश्तों का

 हुनर सीख लो मेरे दोस्त

   जब जड़ों में ज़ख्म लगते हैं,

   तो टहनियाँ भी सूख जाती हैं...


7.

कुछ रिश्ते हैं,

इसलिये चुप हैं

   कुछ चुप हैं,

   ...इसलिये रिश्ते हैं...


8. 

मोहब्बत और मौत की

पसंद तो देखिए..

   एक को दिल चाहिए,

   और दूसरे को धड़कन...


9.

जब जब तुम्हारा हौसला

आसमान में जायेगा.

   सावधान, तब तब कोई 

   पंख काटने जरूर आयेगा....


10.

हज़ार जवाबों से

अच्छी है ख़ामोशी साहेब..

   ना जाने कितने सवालों की 

   आबरू तो रखती है...


    


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