बात तो होने दो
बात तो होने दो


ज़िन्दगी कट जाएगी उससे बात तो होने दो
वो ख़्वाबों में भी आएगी ज़रा रात तो होने दो।
वो अब संवरती भी नहीं है शायद देर तक,
चाँद है शायद अभी मुलाकात तो होने दो।
मेरे हिस्से में जो है वो फ़कत मिल ही जायेगा
मेरे अंदर थोड़ी अभी जज़्बात तो होने दो।
वो आएँगे दिल की दरवाज़ों तक पता है मुझे
अभी दिल की भी थोड़ा इंतेजमात तो होने दो।
ये मौसम भी अब सुहाना सा लग रहा मुझे,
तुम्हें ठंडक चाहिए, बरसात तो होने दो।
मैं कौन हूं ये जानता है अब जमाना मुझे,
मैं छोड़ दूँगा तुझे पहले अज्ञात तो होने दो।
माना मेरी शराफ़त की मिसाल दी जाती है
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अभी वाक़िफ़ कहा हो विश्वासघात तो होने दो।
तुम्हारे ये तेवर मुझे रास नहीं आती अब इतनी
जल्दी क्या है अभी औक़ात तो होने दो।
मेरी मंज़िल अब कोसों दूर नहीं …
तुम ख़ुद में ही मर जाओगे शुरुआत तो होने दो।
इतनी जल्दी भी क्या थी मेरे हिस्से में आने की
ज़रा ठहरो तो सही पहले ख़ैरात तो होने दो।
मेरा ही नाम लेकर ये जमाना जानेगा उसे
उनसे मेरी पहले अभी तालुक्कात तो होने दो।
लोग कह रहे है हमें हम इश्क़ में मशगूल है,
पहले मेरे दिल की तहकीकात तो होने दो।
मैं लिख दूँगा ख़ुद की विरासत भी एक दिन
पहले मेरी पूरी क़ायनात तो होने दो।