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Haseeb Anwer

Romance

3  

Haseeb Anwer

Romance

बारिश

बारिश

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शहर में जो बारिश हुई है

लगता है तुम भी यही हो

मैं ढूंढा तुम्हें हर जगह में

तुम तो कहीं न कहीं हो ।

तेरी यादें अब तो घटा बन

मेरे बाजु में खड़ी है ।

तुम्हें ही ना देखूं जो हर पल ..

इन बूंदों को देखा करूँ मैं ,

शहर में जो बारिश हुई है ,

लगता है तुम भी यहीं हो ।

ये बूंदे तुम्हें भी न जाने ,

लगता है तुम भी नई हो ।

ये शामें उदास हो ना जायें ,

तेरी यादें जब - जब ना आये ।

खुले आसमा में मैं देखूँ .

तुझें ही घटा मे मैं ढूंढू ..

तुम बारिश बन कर जो आना 

मेरे होंठो पर ही ठहर जाना ।

शहर में जो बारिश हुई है 

लगता है तुम भी यही हो ।



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