बात कर लेते हैं
बात कर लेते हैं
तू मत बोल जुबां से आज कुछ और,
तेरी कशिश से ही बात कर लेते हैं।
बहुत बोलती हैं ये नज़रें बिन लफ्ज,
तेरी आंखों से ही बात कर लेते हैं।
ख़ामोश है आज तो यह चांद भी,
तेरी ख़ामोशी से ही बात कर लेते हैं।
इतनी भी मदहोशी न थी रातों में,
तेरी तड़प से ही बात कर लेते हैं।
जानें क्यों बावरे से हैं भंवरे आज,
तेरे लबों से ही बात कर लेते हैं।
न लगा दिल अपने से अब तो तू,
तेरी मुस्कान से ही बात कर लेते हैं।
रहने दे गुरुर में इस फिज़ा को आज,
तेरी हसरतों से ही बात कर लेते हैं।
रख ले छुपा कर राज़ तेरे हुस्न का,
तेरी जुश्त जूं से ही बात कर लेते हैं।

