Saroj Garg

Romance

3  

Saroj Garg

Romance

बारिश

बारिश

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बरखा बहार आई 

 रस की फुहार लाई,

 बदरिया साथ लाई

 ओ ऽऽ बलमा 

 कारे कारे बदरा छाये 

 बिजुरी भी चम के हाय ,

 तुम बिन रहा न जाये 

 ओ ऽऽ बालमा।

  

  फूलों की डालियाँ भी 

  तुमको बुला रही है 

  झुक झुक के आज तुमको 

  नजदीक ला रहीं हैं। 

  ओ ऽ ऽ बालमा 

  बादल ने ढाक दी है 

  कारी सी एक चादर 

  चंदा भी छुप गया है 

  शरमा के अपना आँचल 

  ओ ऽ ऽ सजना 

   

देखा हसीन मौसम

   अंगड़ाई मन है लेता

   आने की बाट जोहे

   ओ ऽ ऽ सजना 

   बरखा बहार आई 

   


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