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Anil Jaswal

Fantasy

3  

Anil Jaswal

Fantasy

बारिश ने आग लगा दी।

बारिश ने आग लगा दी।

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बारिश की बुंदे,

टिप टिप टपकती,

पानी की जगह,

ईंधन का का काम करती,

तन बदन में,

और आग लगती,

ये हवा की तरह फैलती,

कुछ ही पल में,

पूरे बदन को,

ग्रस्त कर देती।


कुछ भी नहीं,

बुझा पाता,

ये जो ईंधन,

इसका इलाज,

सिर्फ महबूब कर पाता।


अगर वो लगा लें गले से,

तो ये आग शांत हो जाती,

वरना न सोने देती,

न जागने देती,

न चैन से बैठने देती,

और न लेटने देती।


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