बारिश का हसीं समां
बारिश का हसीं समां
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बरसते है मेघ ,
गरजता है अम्बर
साथ मेरे तुम होते हो
बन इक सुनहरी याद
कालेज का वो हसीं समा ,
जैसे अल्हड़ सी बदरी का
आसमां के पास होकर भी
दूर दूर रहकर अठखेलियाँ करना
चचंल हवाओ का रुख़्सारों का
होले से छूकर महक जाना ,
उलझी लट का बहक बहक जाना
महकी फ़िज़ाओं में अहसास तुम्हारा ,
जब बरसते है मेघ , गरजता है अम्बर ,
हाँ तुम साथ मेरे होते हो ,बन के इक हसीं याद ।