बाल विवाह: एक अभिशाप
बाल विवाह: एक अभिशाप
सानोदा में हुआ एक लल्ला,
सारे गांव में मच गया हल्ला।
कुआं पूजन की डेट आई,
नाचन लागे पंडित नाई।
लाकर गाजा बाजा डीजे,
कुआं पूजन पर धूम मचाई।
जब 5 साल का हुआ घसीटा,
बापू ने उसके माथा पीटा।
इतने मेंं एक आई सगाई,
बापू बोला बहुत बधाई।
चटपटा था ब्याह रचाया,
नई बोहड़िया घर में लाया।
एक लाख इक्यावन हजार,
मिली दहेज में एक कार।
एक दिन घसीटा हुआ बीमार,
रुपए लगाए कई हजार ।
घसीटा घिसटा श्मशान घाट,
उसके प्राणों की लग गई बाट।
बहू ने अपनी चूड़ियां फोड़ी
किस्मत पे रोती मायके दौड़ी।
जिंदगी मुझसे जुदा हो गई,
छठी में पढ़ती विधवा हो गई।
बाल विवाह जो करेगा कोई,
कहे अजीत बेटी खोई।
कहे अजीत बेटी खोई।।
