और नहीं
और नहीं
दुख के समय मे हर कोई हताश और अकेला महसूस करे
भय का संक्रमण, दूरियाँ कब तक बना पाएँगे हम लोग
कोरोना काल हे दुश्मन हो या दोस्त कोई फ़र्क़ नही पड़ता
जीवन मृत्यु का घिनौना खेल दुनिया तो अब देख रही हे।
बहुत फ़ासले बना चुके, मानवता पर ध्यान देने जरूरी है
सरकारें धन्धा करेगी तो देश का चौपट होना निश्चित हे !