दमयंती ?
दमयंती ?
वह कैसा मिलन, क्या रही होगी विडंबना।
चंदन सा बदन, इंद्र की कड़कती बिजलियाँ।
देवता से मानवी रिश्ता की कशिश या संजोग,
मायाजाल में लिप्त रहे इष्ट-देव से संबंध?
जुनून ना सही, सोच विचार कर, अनोखा इश्क़।
मन में जोश और खुल कर उभरते रिश्तों में हंस,
देव-मानव-पक्षी का, कर गुज़रने में दीवाना पन।
क़िस्मत न थी, असाधारण रिश्ता नल से जुड़ा?