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JAI GARG

Tragedy

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JAI GARG

Tragedy

आतंकवाद

आतंकवाद

1 min
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सच होती हे कथनी जब क़िस्मत ही साथ नही देती

सुना था क़ानून आँधा हे आख़िर बुराइ क्यो देखे ?


गुहार नेता को बुरी लगे तो कान पर ज़ू केसे रेंगेगी ?

और जनता की बेतुकी है होट सीकर चुप रहना।


कैसा विचित्र, महात्माओं के तीन बन्दरों वाला उपदेश ?

नहीं मानोगे तो जन्नत में, छप्पन हूरें जरूर दिला देगा !


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