अटूट विश्वास
अटूट विश्वास
आसान कहा है भाई बहन के
रिश्ते को परिभाषित कर पाना।
अटूट विश्वास की डोर से बंधे,
जिन्दगी की धूप छाव में
सूरज चांद से होते है दोनों।
पहली दोस्ती और बचपना
एक दूसरे के प्यारे दुश्मन,
समय की धूप में परिपक्व
हो और गहरा हो जाता है,
भाई बहन का अटूट रिश्ता।
हो भाई के दोस्तो के राज
या फिर हो बहन का सपना,
राजदार होते है एक दूजे के।
हर साल जो भाई की कलाई
पर सजती है राखी बहन के
नाम की, सावन झूला और
सखियों संग दे जाती है बहन
को बचपन की वो खोई मुस्कान।
राखी का त्यौहार साक्षी है
भाई बहन के प्यार का ।
रस्म की डोर से एक दूसरे
से बंधे उनके संसार का।