जिंदगी से कुछ पल चुराए
जिंदगी से कुछ पल चुराए
चलो इस भागती सी जिंदगी से कुछ पल चुराए
पक्की सड़क से उतर कच्चे रास्तों पर दौड़ लगाए
भुल कर अपनी उम्र और ओहदे मिट्टी में बैठ जाए
चलो इस भागती सी जिंदगी से कुछ पल चुराए
नदी किनारे बैठ ढलते सूरज से बतियाएं ले
मंदिर की घंटियों को बजा नतमस्तक हो जाए
चलो इस भागती सी जिंदगी से कुछ पल चुराए
ओस की बूंदों को अपनी हथेलियों पर सजाएं
चहचहाती चिडियों संग कोई गीत गुनगुनाएं
चलो इस भागती सी जिंदगी से कुछ पल चुराए
बारिश में बादलों संग उसी बचपन में लौट जाए
मेरी नाव सबसे सुंदर! फिर एक दूजे को चिढ़ाए
चलो इस भागती सी जिंदगी से कुछ पल चुराए
कोयले पर सिंकी चटपटी मकई संग पहेलिया बुझाए
कुल्हड़ वाली चाय की गर्माहट में फिर कहकहे लगाए
चलो इस भागती सी जिंदगी से कुछ पल चुराए
फूलों की क्यारियों में तितलियों के पीछे भागे
बावरी हवाओ संग फिर किसी पेड़ पर चढ़ जाए
चलो इस भागती सी जिंदगी से कुछ पल चुराए
बचपन के सारे खेल एक एक कर खेल आए
रेल के डब्बे बन फिर छुक छुक रेलगाड़ी चलाए
चलो आज बच्चों को मस्ती भरा बचपन लौटाए।
