अटल
अटल
जो पहले कवि,
फिर एक नेता था,
अपने विचारों पर,
हमेशा अटल रहता था ।।
वो लड़ता रहा,
वो करता रहा,
ज़माना उन्हें भीष्म,
पितामह कहता था ।।
वो जो कहता था,
वो करता था,
इसलिये शायद सारा जग,
उनसे डरता था ।।
दिल्ली से लाहौर जाना भी,
आसान कर दिया,
चला दी "बस" ये,
एलान कर दिया ।।
पोकरन में परमाणु,
बस एक शुरुआत थी,
बाक़ी देशों को भी,
हैरान कर दिया ।।
कारगिल की रणनीति,
ने जीत दिलायी,
तभी शरीफ़ को भी,
शराफ़त सिखायी ।।
एक अच्छी पहल थी,
सर्व शिक्षा अभियान,
जिस पर पूरे,
देश को है अभिमान ।।
वहाँ यूएन जाकर,
हिंदी बोल आए,
सारे जग में भाषा के,
बंधन तोड़ आए ।।
ये देश आपका,
हमेशा क़र्ज़दार रहेगा,
भारत रत्न हो आप,
ये हमेशा याद रहेगा ।।