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Neer N

Abstract Drama Inspirational

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Neer N

Abstract Drama Inspirational

बहू -बेटी

बहू -बेटी

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वो आयी थीं ब्याह कर जब इस घर में

तब से ही अपना सा कुछ नहीं लगता था

जब मायके जाने की बात होती

तो पति कहता की तुम्हारे घर जाना है,


और जब मायके से

ससुराल वापिस आना

होता तो मां कहती

बेटी अपने घर को जा रही है


वक्त आगे बढ़ा और

बिटिया का तोहफा मिलाये

घर उसका नहीं कहलाया 

पर उसकी बेटी का सदा रहे

इसी विचार में उम्र बीतती रही।


जब बेटे ने जन्म लिया तो

उसने मन में कुछ ठाना।

बहू के आने पर उसने किसी से

ये नहीं कहा कि ये 

हमारे घर की बहू है,


उसने कहा कि ये मेरी

बहू का घर है।

और ये आंगन मेरी बेटी का है।


दो दो घरों की मालकिन 

बहू और बेटी को ये कभी

ना सोचना पड़े कि

उसका घर कौन सा है।


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