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Sapna K S

Drama

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Sapna K S

Drama

बनाने वाले ने गर

बनाने वाले ने गर

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बनानेवाले ने गर मुझे दो बूँद,

शराब की ही बना दिया होता


तो लगकर उसके होंठो से,

जिस्म में उसके समा जाती मैं

तनहाई मेरे नाम से ही बाँट लेता वो,

ना चाँद के दिदार से,ना तारों के झिलमिलाट से,

बस बहकता मेरे ही आँगन से

बनाने वाले ने गर मुझे दो बूँद,

शराब ही बना दिया होता


मेरा अकेलापन कब तक छुपा था उससे,

लेकर मुझे बाहों में लड़खड़ाता फिर भी सँभाल लेता,

मुहब्बत की निगाह मुझपर रखता,

ना किसी के रूप से,ना किसी के श्रृंगार से,

ड़गमगाता सिर्फ मेरी आकर गलियों में

बनानेवाले ने गर मुझे दो बूँद,

शराब ही बना दिया होता


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