अतीत
अतीत
कहना सभी का, होता है जो, अच्छे के लिए,
अतीत भुलाकर जीना, हमेशा वर्तमान के लिए !
उज्जवल भविष्य की कामना मन में लिए,
नयी राहों की दिशा तलाशने के लिए !
लेकिन कैसे भुलाऊँ उन अतीतों के लम्हों को,
जिनकी वजह से सुनहरा वर्तमान मिला !
उन्हीं अतीतों से सीखकर वर्तमान के साथ,
उज्जवल भविष्य की मंजिलें हैं मिली !
कहना कितना आसान है,
लेकिन करना उतना ही मुश्किल !
जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की उम्मीद,
कहीं न कहीं अतीत के अनुभवो से ही जागी !
बीता हुआ कल आने वाले कल के लिए,
बहुत कुछ सिखा जाता है !
आज दुःख के काँटे हैं,
कल सुख की कलियाँ थीं !
कल फिर शायद दुःख मिले मुझे,
अतीत में मिले वो लोग वो साथी,
वो मेरे अपने-पराये जाने-अनजाने !
सभी से कुछ न कुछ सिखा है मैंने,
अनमोल पलों को उनके संग जिया था मैंने,
अपने सुनहरे अतीत में !
आज न वो लोग हैं न वो लम्हे हैं,
है, तो बस यादों की परछाई बसी अतीत में !
कहते हैं, भविष्य सुनहरा बनाओ,
कहते है, हर बार वर्तमान में जियो !
लेकिन कोई नहीं कहता अतीत को,
एक बार दिल से याद करो !
भले ही लाख बुरा हो अतीत,
लेकिन मिलती हजारों सीख अतीत से !
कैसे भुलाऊँ अपने अतीत को ?
कैसे भुलाऊँ अपने उन सुनहरे लम्हों को ?
भुलाना चाहूँ तो भी भुला न पाऊँगी,
आख़िरकार मेरे वर्तमान और भविष्य की
परछाई है मेरा अतीत !
न कल भूली थी न आज भूली हूँ,
और न ही आने वाले कल में भूलूँगी,
कभी मैं अपना अतीत !
मुझे प्यारा है मेरा अतीत,
दिल की गहराइयो में बसा है मेरा अतीत !
पीछे छोड़ आयी उन लम्हों और यादों के बारे में !
