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हौसला

हौसला

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इस जिंदगी की जंग कहीं बाकी है अभी,

इससे लड़ने का जज़्बा कहीं बाकी है अभी

कहीं बाकी है अभी !


राहों में काँटें बिछे हैं मगर,

पुष्प बनने की जंग,

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


हमें अपनों ने जीने का ढंग है सिखाया,

फिर भी अपनों को अपना बनाने की जंग

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


हँसने की कला तो आती है हमें,

फिर भी मुस्कुराने की जंग

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


मेरे दामन में खुशियाँ भले हो कम,

फिर भी खुशियाँ लुटाने की जंग

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


इस अंबर के आनन को जी भर के देखो,

इसकी रोशनी की दमक

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


ये चंदा, ये सूरज इन तारों को देखो,

इनकी चाँदनी की चमक

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


कोई वन है नहीं कोई उपवन नहीं,

फिर भी गुलाबों के खिलने की जंग

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


मेरा जीवन भले हो निराशा से भरा,

फिर भी आशा जगाने की जंग,

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


मेरे हौसलो की उड़ान भले हो छोटी,

फिर भी उड़ने की चाहत की जंग,

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


ना मैं हारी कभी ना मैं हारी अभी,

फिर भी जीतने की जंग,

कहीं बाकी है अभी, कहीं बाकी है अभी !


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