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Dr Baman Chandra Dixit

Romance

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Dr Baman Chandra Dixit

Romance

असर प्यार का

असर प्यार का

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मत झटको इन ज़ुल्फ़ों को वो बेरहम 

उन्हें भी तेरी हुस्न का नशा हो गया होगा

               

नहीं तो बार बार ना डोलते वे इस कदर

तुझे देख उनका होश भी खो गया होगा।।


नस नस में नशा असर कर जाने के बाद

खुद पे खुद का अख्तियार खो गया होगा।


तेरी होंठों की हवा उन बेआवाज़ लफ़्ज़ों की

ये कान आशिकों का, इसे गुदगुदाया होगा।


हौले से छू लो ज़रा नर्म नाज़ुक उंगलियों से

फ़ना क्यों न होगा जिसे प्यार हो गया होगा


इन हवाओं को क्यों ना टोकती ऐ हुस्न

दरमियाँ तुम्हारी प्यारा सिलसिला होगा।।


तेरे बालों को गालों को चुनरी को भी

छेड़ता जिस कदर वो तेरा आशिक़ होगा।


तू भी इनकार करती उसे इकरार की तरह

तेरी दिलों में उसका जादू चल गया होगा।


अब देखो इन होंठों और बालों के दरमियाँ

ढाई अक्षर का ज़बर असर हो रहा होगा ।।


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