अश्कों का मतलब तुम क्या जानों?
अश्कों का मतलब तुम क्या जानों?
अश्कों का मतलब तुम क्या जानो
है निर नैनों में भरा किनारों तक
आज नहीं एक बार ..
नजर आता है हर वक्त गर
कुछ तो दर्द लिऐ दामन में
जी रही है वो समझ
हाँ उसे टटोलतीं में कभी कभार
अंदर से झिंजोडती भी हूँ …
उपर से सब कुछ आलबेल
पर टुकड़ों में दर्द लिऐ
मुस्कुराहट ओढें ओ यूँ ही
जी रही सालो साल….
यूँ दामन में उसके है हर
ऐशोआराम..सुहाग मांग का
गोद भी भरी भरी बच्चों से ..
बस एक अस्तित्व अपना
उसका कुछ नहीं..
सिवा ---कि पत्नी..
-----इनकी माँ…
अपनों के कडवे बोल..
नजरो मैं उनकी अपने लिऐ
एक घर संभालती हुई औरत..
तो समझोगे क्या तुम उसका दर्द
इन अश्कों का मतलब …
जब तुम्हें मिलता हर सम्मान
हर निर्णय पर तुम्हारी ही लगती मोहर……