अपनी जगह कर्म रत
अपनी जगह कर्म रत
किसी प्रवचन में जाओ, कुछ साथ ले आओ,
वही काफ़ी है तुमको, जो जीवन धन्य बने।
जो जीवन धन्य बने, यहां ऐसा काम करो,
क्यों भागदौड़ करो, क्यों व्यस्तता का दिखावा।
लेकर प्रभु का नाम, काम शुरू करो अपना,
कुछ अनमोल पाओ, किसी प्रवचन में जाओ।।
अपनी जगह से न हटो, अपना स्थान न दो,
कर्म करने का अधिकार, सबको मिलता यहां।
सबको मिलता यहां , काम से चले जीविका,
अपना परिवार हो, मुस्कुराहट भी साथ हो।
कहे ‘प्रभा’ कर जोर , मन में शान्ति बनी रहे,
जल्दबाज़ी ना करो ,अपनी जगह से न हटो।।
