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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Romance

4  

नमिता गुप्ता 'मनसी'

Romance

अनुबंध..

अनुबंध..

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202

हो सकता है

सुनने में थोड़ा बचकाना लगे 

कि प्रेम की उंगली थामकर

कैसे जाया जा सकता है

उस अनंत की ओर 

जहां

नक्षत्रों के पार 

बसी होगी कोई छोटी सी दुनिया 

सिर्फ हमारे लिए ही !!


और..

ऐसा भी हो जाता है

कि सबसे छिपाकर

जिया जा सकता है "प्रेम" अब भी

बिना किसी अनुबंध के तहत

ठीक प्रेम की ही तरह !!



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