मूल में सूद जोड़कर खूब निचोड़ा किश्तों ने रिश्तों को तोड़ा थोड़ा-थोड़ा। मूल में सूद जोड़कर खूब निचोड़ा किश्तों ने रिश्तों को तोड़ा थोड़ा-थोड़ा।
नक्षत्रों के पार बसी होगी कोई छोटी सी दुनिया सिर्फ हमारे लिए ही !! नक्षत्रों के पार बसी होगी कोई छोटी सी दुनिया सिर्फ हमारे लिए ही !!
टकराएंगे नक्षत्र निकर जब बिखर कर भी फिर से संवर जाएंगे! ! टकराएंगे नक्षत्र निकर जब बिखर कर भी फिर से संवर जाएंगे! !
वो देखो पहाड़ी के पीछे से अम्बर में एक चमकती नदी सी आ रही है। वो देखो पहाड़ी के पीछे से अम्बर में एक चमकती नदी सी आ रही है।
एक दोस्त पाया मैंने या शायद उसने पाया मुझे या शायद वो था नसीब, भाग्य, परिस्थिति या शायद विधाता ... एक दोस्त पाया मैंने या शायद उसने पाया मुझे या शायद वो था नसीब, भाग्य, परिस्थ...
जहां कहीं प्रकाश रोको वहां तम आ जाता, क्या है इसका वेग बोल तू क्या है पाता ? जहां कहीं प्रकाश रोको वहां तम आ जाता, क्या है इसका वेग बोल तू क्या है पाता ?