STORYMIRROR

अशोक जोशी

Romance Fantasy

4  

अशोक जोशी

Romance Fantasy

अनकही बात

अनकही बात

1 min
254

आज कुछ कहने को जी चाहता है

जो तुमनें सुनी नहीं वह बताने को जी चाहता है


दिल में बहुत कुछ है बताने को

हर बात बताना चाहता है


सुनकर खफ़ा मत होना

तुम्हें मैरी मुहब्बत की कसम


दिल के जज़्बात बताना चाहता है

सुनकर चलीं जाओगी दूर मगर


जो छुपा के रखा है वह सब बताने को जी चाहता है

जो अनकही बात दरम्यान है अपनी

वह सब कुछ सुनाना चाहता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance