एक बार पलटने पर, आगे देखना भूल जाती हूँ, जज़्बातों के सैलाब में कुछ ऐसी धुल जाती हूँ। एक बार पलटने पर, आगे देखना भूल जाती हूँ, जज़्बातों के सैलाब में कुछ ऐसी धुल जा...
जो अनकही बात दरम्यान है अपनी वह सब कुछ सुनाना चाहता है। जो अनकही बात दरम्यान है अपनी वह सब कुछ सुनाना चाहता है।