अनकही बात
अनकही बात
नजरों ही नजरों में अनकही बात हो जाती है,
तेरा ख्याल आते ही चेहरे पे मुस्कान आ जाती है,
इस वक्त नहीं मिल सकते तो क्या हुआ,
तुमसे तो सपनों में ही मुलाकात हो जाती है।
आंखों मै ख्वाइश को जगह देगे
तेरे तसव्वुर को हम पनाह देगे
तुम्हारा चेहरा मेरी आंखों में बसा है
उसको दिल के आईने मैं बसा देंगे।

