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Supriya Devkar

Romance

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Supriya Devkar

Romance

अजनबी

अजनबी

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अजनबी बनकर मिले थे

बात हो गई जब शुरू

होने लगी दूरियां कम

कहानी हो गई नयी शुरू


बातें बढने लगी

मिलना भी बढ गया

दोस्ती का नया रंग

जिंदगी मे चढ गया


फासले होने लगेेे कम

भरोसा बहोत हो गया

अजनबी रिश्ता दिल से

न जाने कहां खो गया।



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