अजनबी बनाते गहरे रिश्ते
अजनबी बनाते गहरे रिश्ते
अक्सर दूल्हा दुल्हन अब भी
एक दूजे से अजनबी होते
जीवन नैया में नए खिवैया
जैसे बैठा दिया गए होते
शनै शनै फिर नैया उनकी
बढ़ती आगे खाकर हिचकोले
ये भी जीवन का अनुभव अच्छा
फिर नवजीवन आकर रस घोले
अब अजनबियों का हुआ परिवार
दुनिया की सबसे मजबूत इकाई
विश्वास इसका होता सीमेंट
इसको सदा जोड़े रखना भाई
रिश्तों की सुगंध है सबसे प्रिय
हर फूल से ज्यादा महके ये
जी एक गौरैया ऐसी है ये
आंगन, आंगन जाकर चहके
भारत देश ही ऐसा है निराला
जहाँ अजनबी बनाते गहरे रिश्ते
संस्कृति ऐसी अनूठी है ये
मन से मन आसानी से मिलते।