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Ruchi Madan

Romance

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Ruchi Madan

Romance

अगर समझ जाये ये हम तुम

अगर समझ जाये ये हम तुम

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दिलो के बीच जो दिवार है उसे गिराऊं कैसे

फिर एक बार तेरे पास मैं आऊं कैसे..

धड़कनो को तेरी फिर से सुनना है मुझे

पर जो ये दूरिया है इनको निभाऊं कैसे..

फिर से सुन लू मैं तेरे शिकवे, मेरी जाना

तेरी आँखों मैं देखू सारी दुनिया

पर अब तूझको ये बताऊ कैसे

फिर एक बार तेरे, पास मै आऊ कैसे...

ये जो तकरार, है हम दोनों मै....

इस को मैं मिटाऊं कैसे, इसके साथ जीना

बड़ा मुश्किल है ये हकीकत मै तुझको

बताऊं कैसे...

इन उल्फतो को छोड़ो दे ग़र हम

छोटी सी अब है ज़िन्दगी गर जी ले हम तुम

तकलीफ तुझसे ज्यादा है खुद को इस

तकरार से...

हाँ, अगर समझ जाये ये हम तुम



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