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Vimla Jain

Tragedy Action Inspirational

4.7  

Vimla Jain

Tragedy Action Inspirational

अधूरी इच्छाओं की कहानी जिंदगी की रवानी

अधूरी इच्छाओं की कहानी जिंदगी की रवानी

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  "अधूरी इच्छाओं की कहानी"
 यह ज़िंदगी है जनाब, चाहे हम कितनी भी लंबी उम्र क्यों न जी लें, हमारी कहानी अधूरी ही रह जाती है— और साथ ही रह जाती हैं कुछ अधूरी इच्छाएँ। पति-पत्नी, संतान, दुनियादारी और जिम्मेदारियाँ— इनमें उलझते-निभाते उम्र बीत जाती है।
 यहाँ तक कि जब जीवन अंतिम पड़ाव पर आता है, तब भी मन कहता है— "काश! थोड़ा और जी पाता
, तो वो अधूरी इच्छा भी पूरी कर लेता.
.." पति की सोच— "मेरे बाद मेरे परिवार का क्या होगा?" पत्नी की चिंता— "मेरे बच्चों और जीवनसाथी की देखभाल कौन करेगा?"
 और इसी सोच में, एक और इच्छा अधूरी रह जाती है— सुकून से जीने की।
 हर गृहिणी की भी यही दास्तान— दिनभर काम में लगी रहती है।
जब रात को बिस्तर पर जाती है, तो मन कहता है— यह रह गया, वो रह गया.
..कल पूरा करूंगी..." मगर वह "कल" कभी आता ही नहीं, और इच्छा... फिर अधूरी रह जाती है।
 सोचिए, क्या आप मेरी बात से सहमत नहीं हैं? हर किसी के जीवन में कुछ ख्वाब, कुछ इच्छाएँ अधूरी रह ही जाती हैं। कुछ तो हालात अधूरे छोड़ देते हैं, और कुछ हमारी अंतहीन चाहतें।
 क्योंकि इंसान की फितरत ही ऐसी है— जो मिल गया, वो कम लगता है, और जो नहीं मिला, वही ज़िंदगी भर पाने की इच्छा बनी रहती है।
 और इसी अधूरी इच्छाओं की रफ्तार में ज़िंदगी की पूरी कहानी कभी पूरी हो ही नहीं पाती।   


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