अधूरी है....
अधूरी है....
कुछ बातें अभी अधूरी है
हम तुमसे मिले, गुफ्तगू करने लगे
हम सोचने लगे और गुफ्तगू का बहाना ढूंढने लगे
ये अक्सर हम खुद से कहने लगे
कुछ बातें तो हुई है, पर कुछ बातें अभी अधूरी है
सुबह –सुबह तेरा यूं हाय बोलकर जाना
शाम को फिर तेरी बाय सुनने का इंतजार करना
पूरे दिन में तुम कहीं ना कहीं दिख जाते थे
क्लॉस में ही सही पर तुम कुछ बातें भी कर जाते थे
कुछ बातें त
ो हुई है, पर कुछ बातें अभी अधूरी है
यूं तो कई बार तुम घर छोड़ने आये थे
ट्रैफिक की भीड़ में, सिग्नल के इंतजार में
कई बार तुमने बाइक को धीमा किया था
हां माना कि बातें हुई है, पर कुछ बातें अभी अधूरी हैं
जुबां पर शब्दों से इजहार कर गुफ्तगू सब करते है
शब्दों से गुफ्तगू में दूर होकर भी कर लेती
मुझे निगाहों से कुछ कहना था
तभी तो कुछ बातें तो हुई है, पर कुछ बातें अभी अधूरी हैं।