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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

अधूरी बातें

अधूरी बातें

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आज फिर मेरी उनसे मुलाकात हो गई,
पहले मिलन की बातें होंठो पे आ गई,

उसका सुंदर चेहरा बदला हुआ देखकर,
मेरी अधूरी बातें-जो दिल में रह गई।

उसकी मायूसी मुझको बेताब बना गई,
उसको कारन पूछने की हिम्मत न हुई,

उसकी आंखों से बहतें हुए आंसु देखकर,
मेरी अधूरी बातें-जो दिल में रह गई।

उसकी नाराजगी मुझे परेशान कर गई,
इश्क का इजहार करने की बात न हुई,

उसके होंठो से बहकतें अंगारे देखकर,
मेरी अधूरी बातें-जो दिल में रह गई।

आसमान में पूनम की चांदनी फैल गई,
उसको प्यार से मनाने की पल आ गई,

"मुरली" गुस्सा होकर फिर से चली गई,
 मेरी अधूरी बातें-जो दिल में रह गई।

 रचना:-धनज़ीभाई गढीया"मुरली" (ज़ुनागढ - गुजरात)


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