अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब
वक्त ऐसा हो कि हाथ में तेरा हाथ हो,
सैर करें दुनिया की जब तू मेरे साथ हो।
सुना है कभी ना कभी होतें ख्वाब पूरे हैं,
पर मेरे तो कुछ ख्वाब आज भी अधूरें है।
काश तू भी हमें कभी कुछ यूँ इजहार करें,
याद करें हम तो तू मिलने को आह भरें।
तेरे साथ हर दुख सुख मंजूरे है इसलिए,
कुछ ख्वाब मेरे अभी भी अधूरे है।
माँ बाप का हाथ हमारे सर पर हो,
हमारी संगति पर हर किसी को गर्व हो।
आशीर्वाद में लेते हो हम सात फेरे है,
ऐसे ही कुछ ख्वाब अभी अधूरें है।
भले जिंदगी में मुश्किलों का दौर होगा,
हमारे तुम्हारे बीच ना कोई और होगा।
आधे हैं हम मिल जाओ तुम तो पूरे हैं,
ऐसे ही कुछ ख्वाब मेरे अधूरे है।
हकीकत में कब तुम्हारा आना होगा,
जाने कब तुमसे मिलने का बहाना होगा।
अभी तक सपनों में सजाएं सारे नूरे है,
इसलिए कुछ ख्वाब मेरे अधूरे है।