अधूरा प्रेमपत्र
अधूरा प्रेमपत्र
इंतज़ार में डूबी शामें
अक्सर लंबी होती हैं।
सूनेपन से लबरेज़ और
इश्क़िया मिठास से भरी हुईं।
ताउम्र किसी के इंतज़ार में होना,
प्रेम में होने की पहली सीढ़ी है।
दिसम्बर की गुलाबी शामों में
जब गिरती है
यादों की सुनहरी बर्फ़
और हौले से बाल सहलाते हुए
चूमती हैं माथा
तो मैं सर ऊपर किये
देखता हूँ एकटक
क्षितिज के अंतहीन प्रकाश की ओर
मानो शाम की गुलाबी रंगत लिए
बादलों के पते पर
तुम्हारा कोई प्रेम-पत्र
रह गया हो अधूरा