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Sandhaya Choudhury

Romance

3  

Sandhaya Choudhury

Romance

अधूरा इश्क

अधूरा इश्क

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अधूरे ही मिले हम

अधूरी रही मुलाक़ात 

अधूरे ही रहे सपने 

अधूरी रही अभिलाषाएं 

जैसे अधखुले होंठ होते हैं ना खूबसूरत---

अधूरी ही रही बात 

अधूरे ही रहे हमारे जज्बात 

आधा अधूरा दिन भी था

आधी अधूरी रात भी थी

आज खुली जुल्फें आधा अधूरा सा समर्पण भी था

जैसे आधा चंद्रमा होता है ना बहुत खूबसूरत-----

शर्म भी सकुचाई सी आधे अधूरे से थे

डर डर कर फिर जरा सा निडर का किरदार भी रुके रुके से थे

कहा था उसने यह लम्हे अभी तो आधे ही हैं

मैंने भी कहा था उससे यह थोड़े लम्हे मेरी मुरादें आधे ही हैं

जैसे ढलती शाम उस पर ढलता आंचल होता है ना बेहद खूबसूरत--------

लेकिन किन्तु परन्तु अधूरा ही रह गया 

हम दोनों का साथ हम दोनों का साथ 



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