बेटियाँ
बेटियाँ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
यही देश का नारा है
बेटियाँ नहीं तो कुछ भी नहीं
यही सृष्टि का अब तकाजा है
जैसे भी हो अनमोल बेटी को बचाओ तुम ।
वरना चुल्लू भर पानी में डूब जाओ तुम
जिस घर में रोती रहती बेटियाँ सब
उस घर में कोई नहीं सुखी होता सब
फैशन की गुड़िया सिर्फ बनाओ ना तुम ।
झांसी की रानी जैसी भी उसे बनाओ तुम
जो वक्त बेवक्त पर हमेशा तुम्हारा साथ दे
उस बेटी को हर वक्त रखना तुम संभाल के ।
पढ़ लिख कर खुद के पैरों पर हमेशा खड़ी रहेगी।
यही बेटी आगे चलकर बेटों से भी ज्यादा नाम कमाएगी।
कदम कदम पर वो सुख दुःख में हमेशा साथ निभाएगी ।
बनकर परी तेरे नाम का वो उड़ जाएगी।
नाम रौशन करेगी यही बेटियाँ सब
ये दुनिया देख देख जल जाएगी सब।
कहती हूँ इसलिए कद्र करो बेटी की सब।
सफल होगा ये जीवन परिवार मे होंगे सुखी सब।।