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Sandhaya Choudhury

Inspirational Children

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Sandhaya Choudhury

Inspirational Children

15 अगस्त

15 अगस्त

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सूर्य देव की स्वर्णिम आभा लेकर आई है एक नई सुबह।

चिड़िया ने भी मधुर कंठ से गाये आजादी की गान।

बच्चे बूढ़े युवा अधरों पर सजने लगती मधुर मुस्कान

बरसों बाद के संघर्ष से पाई हमने नई पहचान।

खेतों की हरियाली देख हुए कृषक हर्षित।

परिश्रम से जब अन्न मिलता तब मानो मिलता अमृत।

ज्ञान विज्ञान के इस देश में सबसे कदम रहता हमारा।

सितारोंं से भी आगे निकलेंगे यह कर्मठ हमारे युवा।

भगत चंद्र शेखर नेताजी की बलिदानों की कहानी नहीं भूलेंगे हम।

जब तक दम में दम रहेगा देश की रक्षा करेंगे हम।

बिरसा सिद्धू कानू की इस धरती पर आजादी का जश्न मनाएंगे हम।

तिरंगा हाथों में लेकर वंदे मातरम वंदे मातरम जाएंगे हम ।


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