STORYMIRROR

Sandhaya Choudhury

Inspirational

4  

Sandhaya Choudhury

Inspirational

आस्तित्व

आस्तित्व

1 min
356



वृक्ष और जमीन जुड़े 

रहते हैं मिट्टी से 

चाहे तूफान हो या हो बाढ़

मानव भी जुड़े रहे एक दूसरे से तब होगी कोई बात

प्रकृति कभी नहीं करती अदावत जीवो से 

मानव भी ना करें अदावत वृक्षों से तभी बनेगी कोई बात 

वृक्ष और जमीन हम से पहले यह हैं तो हम हैं फिर घमंड कैसा?

मानव भी मिट्टी से बना ये नहीं तो हम नहीं फिर घमंड कैसा?

वृक्ष और जमीन मौन साधे करते रहते निरंतर काम

मौन रह कर मानव भी इससे सीखें अपना काम वृक्ष फल फूल औषध अन्न देकर भी कभी न इतराए।

तू मुरख मानव थोड़ा करके ही इतराए 

वृक्ष देते हमें सदा बदले में लेते कुछ नहीं।

हे मानव तू भी कुछ मदद कर बदले में कुछ ना ले।

वृक्ष से ही हमारा नाता जन्म से मृत्यु तक

हे मानव तू क्यों समझ ना पाया ।

अब भी वक्त है लुटा नहीं है सब कुछ

बचा ले तू पीढ़ी दर पीढ़ी

बस एक पौधा अपने आंगन में तू लगा ले देखना खुशियां तेरे आंगन में खिलखिलाएगी

भंवरे गुनगुनाएगे

बचेगा तेरा अस्तित्व

हे मानव अब भी सुधर जा 

वक्त है अपने लिए अपनो के लिए।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational