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Sandhaya Choudhury

Inspirational

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Sandhaya Choudhury

Inspirational

आस्तित्व

आस्तित्व

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वृक्ष और जमीन जुड़े 

रहते हैं मिट्टी से 

चाहे तूफान हो या हो बाढ़

मानव भी जुड़े रहे एक दूसरे से तब होगी कोई बात

प्रकृति कभी नहीं करती अदावत जीवो से 

मानव भी ना करें अदावत वृक्षों से तभी बनेगी कोई बात 

वृक्ष और जमीन हम से पहले यह हैं तो हम हैं फिर घमंड कैसा?

मानव भी मिट्टी से बना ये नहीं तो हम नहीं फिर घमंड कैसा?

वृक्ष और जमीन मौन साधे करते रहते निरंतर काम

मौन रह कर मानव भी इससे सीखें अपना काम वृक्ष फल फूल औषध अन्न देकर भी कभी न इतराए।

तू मुरख मानव थोड़ा करके ही इतराए 

वृक्ष देते हमें सदा बदले में लेते कुछ नहीं।

हे मानव तू भी कुछ मदद कर बदले में कुछ ना ले।

वृक्ष से ही हमारा नाता जन्म से मृत्यु तक

हे मानव तू क्यों समझ ना पाया ।

अब भी वक्त है लुटा नहीं है सब कुछ

बचा ले तू पीढ़ी दर पीढ़ी

बस एक पौधा अपने आंगन में तू लगा ले देखना खुशियां तेरे आंगन में खिलखिलाएगी

भंवरे गुनगुनाएगे

बचेगा तेरा अस्तित्व

हे मानव अब भी सुधर जा 

वक्त है अपने लिए अपनो के लिए।।



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