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Sakshi Goel

Tragedy

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Sakshi Goel

Tragedy

अदालत

अदालत

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सच की अदालत में झूठा इंसाफ होते देखा है,

दो बेवफाओं को अपने प्यार पर यकींन कराते देखा है।

गीता पर रख हाथ ख़ूनी को झूठ बोलते देखा है,

झूठे कागजातों में दो भाईयों को लुटते देखा है।

बच्चों को अपने माँ-बाप के प्यार पर सवाल करते देखा है,

और घरवालों को अपने ही रिश्तों का मज़ाक उड़ाते देखा है।

न्याय के तराजू में सच को झूठ का पलड़ा नीचे करते,

और सच के खिलाफ वकीलों को सिर्फ चिल्लाते देखा है।

न्यायधीश को सिर्फ झूठे सबूतों पर भरोसा करते,

और सच्चे को सज़ा होते और आरोपियों को सरेआम घूमते देखा है। 


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