क्या सच में देश आजाद हो गया ?
क्या सच में देश आजाद हो गया ?
जहाँ एक किसान कर्ज के तले बरबाद हो गया
महंगाई की मार में गरीब भूखा सो गया।
जहाँ सरेआम लड़की का विनाश हो गया
दहेज़ में जलता किसी का जीवन राख़ हो गया ।
जहाँ बेटा घर जायदाद का मालिक हो गया
बेटी का पैदा होने से पहले निधन हो गया।
जहाँ धर्मों के नाम पर समाज का बंटवारा हो गया
हर जगह सीटों का आरक्षण हो गया।
जहाँ एक जवान लड़ते लड़ते शहीद हो गया
जेल में पड़े निर्दोष पर अत्याचार हो गया।
क्या सच में वो देश आजाद हो गया ?
