कहाँ है वो चार लोग ?
कहाँ है वो चार लोग ?
कहाँ है वो चार लोग?
समाज में इनका सम्मान होते देखा है।
अपनी इज्जत से ज्यादा
पहले इनका ज़िक्र होते देखा है,
हर सपने को कुचलता देखा है,
बच्चों को चुप कराते देखा है,
लड़कियों को चार दीवारी में घुटते हुए देखा है,
लोगों को मज़बूरी में रहते देखा है,
खुशियों को इनकी नजर लगते देखा है।
और वजह सिर्फ़ इन्हें बनते देखा है,
याहा तक कि इंसान को शमशान भी इन्हें ही ले जाते देखा है।
