अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
बरसों हमने यातनाएं सही हैं, गुलामी की बेड़ियों में बंध कर,
समझ सकते हैं, गुलामी का जीवन होता है कितना कष्ट कर,
कितने बलिदान कितने विद्रोह के पश्चात, मिली है स्वतंत्रता,
कण-कण में भर आई साँस जब देश हमारा स्वतंत्र हुआ था,
स्वतंत्रता ऐसी परिवर्तनकारी शक्ति, जो करे जीवन निर्माण,
स्वतंत्रता सर्वोपरि, इसके सही उपयोग से ही होता कल्याण,
स्वतंत्रता तो शब्द ही स्वयं में कितना खूबसूरत और सलोना,
अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति, स्वयं इच्छानुसार ही करना,
कहीं भी आना- जाना, कहीं भी बसना, मर्जी से धर्म चुनना,
बिना किसी रोक-टोक, अपने विचारों को अभिव्यक्त करना,
सात मौलिक अधिकारों में से,एक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,
नागरिक के साथ-साथ राष्ट्र को भी प्रगति की ओर ले जाता,
चर्चाओं को निमंत्रण, विचारों के आदान-प्रदान में मददगार,
जुर्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की शक्ति देता ये अधिकार,
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अपने आप में खास महत्व रखता,
अपना मत रखना, मन की कहना, किसे अच्छा नहीं लगता,
मिली है सबको अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जो चाहे वो बोलो,
पर शब्दों की मर्यादा का रखो ध्यान वाणी में जहर ना घोलो,
रखो अपनी वाणी पर नियंत्रण, करो न तुम अनावश्यक वार,
इस अधिकार का करो सही इस्तेमाल, शब्द तलवार की धार,
बुराई का प्रतिकार करना माना कि, है यह हमारा अधिकार,
किंतु मर्यादा नहीं शब्दों में तो मलिन होता, हमारा व्यवहार,
इस स्वतंत्रता का अर्थ नहीं है, अभद्र शब्दों की अभिव्यक्ति,
विशेष मिला है हमें ये अधिकार, पहचानो तुम इसकी शक्ति,
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में शक्ति है जीवन, देश बदलने की,
शालीनता भरे शब्दों के प्रयोग से, समाज उत्थान करने की,
हम जो अभिव्यक्त करते हमारे व्यक्तित्व का दर्पण बनता है,
शिष्टाचार, सदाचार से भी तो अपना मत रखा जा सकता है,
बोल, लिख, चित्रकारी और भाषण से, मन की बात कहना,
किंतु अनुमति नहीं, किसी की निजी ज़िन्दगी में दख़ल देना,
अन्याय, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़, बोलना है अधिकार हमारा,
किंतु खंडित ना करना देश की, एकता अखंडता भाईचारा,
अन्यअधिकार रक्षा हेतु आवश्यक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,
सही उपयोग से ही सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता।
