अब तो तू ही है
अब तो तू ही है
वफ़ा को कर दो दफा
तो होगा दिल सफा
फरेब को ना आने दो करीब
आप रहोगे कभी ना गरीब।
हम ने पा लिया
फिर उसे खो दिया
क्या था तुम्हारा जो हाथ लग गया?
सब कुछ तो चला गया, तू देखता ही रह गया।
समझ ले अभी भी वक्त है!
यह सत्य हकीकत है
सही रास्ता तो इबादत ही है
हम सब को इसकी आदत डालना है।
ये इश्क़, ये नज़ारा, हमारे क्या काम के?
ये सब तो है बिन काम के
वक्त निकलते ही इन्होंने अपनी असलियत खो देना है
हमने फिर वो ही बेढंगी चाल चलते रहना है।
अब वक्त नहीं मेरे आका
कैसे मिलेगा अब मौक़ा?
मेरी अक्ल का तो निकल चूका है दिवाला?
अब तो तू ही है सँभालने वाला।