STORYMIRROR

Manoj Godar

Romance Tragedy Others

4  

Manoj Godar

Romance Tragedy Others

अब शहर से तेरे

अब शहर से तेरे

1 min
391

कूंच कर जाऊंगा मैं, अब शहर से तेरे। 

उठ गया आशियाना अब शहर से तेरे। 


अब तेरी घर की गलियों में,वो बात कहाँ 

जहाँ होती थी रोज शाम, जिकर से तेरे।


अब इस शहर में ना दिन रहा, ना रात रही 

ना महकी शाम की महफ़िल, इतर से तेरे।


ना आऊंगा मै तेरी बज्म में, मिलने को कभी 

मिटा दूंगा निशान कदमो के, डगर से तेरे।


तरसोगी मेरे दीद को, दिल तड़फेगा 

चला जाऊंगा बहुत दूर, नजर से तेरे।


न होगा तुमको कोई मलाल, मेरे जाने का 

मैं हूँ मोहब्बत में बेकदर, कद्र से तेरे। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance