अब नहीं आयेगा वो दिल रंगने यार
अब नहीं आयेगा वो दिल रंगने यार
बेवफा बेरंग दिल आज होली है,
प्यार में दगाबाजी हमने झेली है।
नहीं पीता कोई शराब जमाने का नशा,
यादों ने मजबूर करा तो थोड़ी पी ली है।
कहीं दिल मिलते कहीं बिछड़ते हैं,
कुछ और नहीं बस रंगों की होली है,
कभी कभी मजबूरियां कर देती हैं दगा,
रंग मिलो उल्फतों से गले मिलो होली है।
दिल का दर्द ऐसा रंगा है,
जैसे होलिया में गुलाल उड़ा है।
जिंदगी आखिर भुला ही देती है,
रंज ए गम उल्फतों से जो पैदा हुआ है।
अब नहीं आयेगा वो दिल रंगने यार,
यादों की होली जली खुश हैं हम आज।