आत्मा की अन्वेषणा: सत्य की ओर
आत्मा की अन्वेषणा: सत्य की ओर
विचार धारा के सागर में बहते रहना,
खुद को खोकर न दुनिया के महा समुद्र में गुम होना।
सोच की धारा से परे तत्वों को जानना,
और खुद को सरलता की ओर प्रेरित करना।
छल की राहों से परे हीरा पाना,
और अपने आत्मा को दिव्य शक्तियों से भरना।
ईश्वर की दर्शन कराने के लिए,
अपनी आत्मा को पवित्रता से संवरना।
जीवन के उत्कृष्ट उद्देश्य को ध्यान में रखना,
और भ्रम से दूर, सत्य की ओर चलना।
अपनी मन की अनंत गहराइयों में,
अद्वितीय सत्य की पहचान करना।
सोने की चाँदनी में अपनी आत्मा को पहचानना,
और संसार के चक्र में न खो जाना।
साधना के मार्ग पर चलते हुए,
स्वयं को परिपूर्णता की ऊँचाइयों तक पहुँचाना।
संवेदनशीलता के साथ, समता की दिशा में,
अपनी आत्मा को अनुभव का महासागर बनाना।
और सच्चे ईश्वर के प्रति श्रद्धा और प्रेम,
खुद को उसके चरणों में समर्पित करना।
