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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Tragedy Inspirational

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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Tragedy Inspirational

आशियाना बदल गया

आशियाना बदल गया

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तिनका तिनका जोड़ कर 

एक आशियाना बनाया था,

कितने ही अरमानों को 

उसमें सजाया था,

कहीं हो हंसी ठहाके, 

ऐसा बैठक बनाया था,

बच्चों के पढ़ने के लिए 

खेलने के लिये अलग से

एक उनका कोना बनाया था,

प्यार के बीते पल जहां

हो प्यार की बातें जहां 

ना हो झगड़े कलह कहीं

ऐसा बिछौना बनाया था,

माता पिता का हो आशीर्वाद 

उनका ही हो राज जहां 

कभी किसी बात से उनका 

मन ना दुखे जहां, हर बात 

में उनका हो सम्मान जहां

माता पिता से हो मेरी और

आशियाने की पहचान बनाया था,

भाई बहन का मिले प्यार दुलार जहां 

ढेरों हो मस्ती की बातें जहां 

वह आशियाना बनाया था,

वक्त की कौन सी काली परछाई थी,

या पत्थर कोई मनहूस लग गया,

जाने बुद्धि में कौन सा चक्कर लग गया,

किया खुद सब बरबाद मैंने,

मंदिर सा जो एक आशियाना बनाया था ।।



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