आसान नहीं है
आसान नहीं है
टूटे दिल को समेट पाना आसान नहीं है
फिर से दिल का लगाना आसान नहीं है।
भूला चूके हम, खुद को जिनकी ख़ातिर
अब उनको भूला पाना आसान नहीं है।
मान बैठे हैं हम उन्हें दुनिया अपनी अब
इस दुनिया में लौट पाना आसान नहीं है।
ले गए संग अपने, वो सारी खुशियाँ मेरी
अब खुलकर मुस्कुराना आसान नहीं है।
बुझा गए वो खुद ही चिराग प्रेम का
अब उसे फिर जलाना आसान नहीं है।