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कवि प्रताप चौहान "प्रहरी"

Action Inspirational

4.8  

कवि प्रताप चौहान "प्रहरी"

Action Inspirational

आपस में नहीं लड़ने देंगे

आपस में नहीं लड़ने देंगे

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अब चाहे जो षड्यंत्र रचे, 

अब चाहे विषैले भुजंग रहे।

हम हानि नहीं होने देंगे,

आपस में नहीं लड़ने देंगे।।


हम नतमस्तक हो जाएंगे,

हम सबको साथ में लाएंगे।

अब एक ही बस अंजाम रहे,

युग युग मानवता नाम रहे।।


हम प्यार मोहब्बत के बल पर,

नफरत को नहीं बढ़ने देंगे।

हम व्यर्थ किसी मुद्दे के लिए,

आपस में नहीं लड़ने देंगे।।


हम सबको मित्र बनाएंगे,

दिल में एक चित्र बनाएं।

हम भद्र सभी बन जाएंगे,

एक सभ्य समाज बनाएंगे।।


हम नतमस्तक हो जाएंगे,

हम सबको साथ में लाएंगे।

हम हानि नहीं होने देंगे,

आपस में नहीं लड़ने देंगे।।



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